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अध्याय - 3 चैत्तसिक मनोभूमि और तनाव
75-98 1. आत्मा, चित्त और मन
• जैन आगमों एवं दार्शनिक ग्रन्थों के आधार पर इनका स्वरूप 2. आत्मा की अवधारणा और तनाव 3. चित्तवृत्तियाँ और तनाव का सह-सम्बन्ध 4. मन और तनाव का सह-सम्बन्ध 5. आधुनिक मनोविज्ञान में मन के तीन स्तर -
A. अचेतन B. अवचेतन
C. चेतन 6. जैन, बौद्ध एवं योगदर्शन में मन की अवस्थाएँ और उनका तनावों से
सह-सम्बन्ध
अध्याय-4 जैनधर्म दर्शन की विविध अवधारणाएँ और तनाव 99-165
1. जैनदर्शन में आत्मा की अवस्थाएँ और तनाव से उनका सह-सम्बन्ध 2. त्रिविध आत्मा की अवधारणा और तनावों से उनका सह-सम्बन्ध 3. त्रिविध चेतना और तनाव (ज्ञानचेतना, कर्मचेतना और कर्मफल चेतना) 4. जैनदर्शन में मन की विविध अवस्थाएँ और तनावों से उनका सह-सम्बन्ध 5. राग व द्वेष तनाव के मूलभूत हेतु 6. इच्छा एवं आकांक्षाओं का तनाव से सह-सम्बन्ध 7. कषायचतुष्क और तनाव 8. षट् लेश्याएँ और तनाव 9. उत्तराध्ययनसूत्र के अनुसार लेश्याओं का स्वरूप और तद्जन्य तनावों का
स्वरूप 10.भगवती एवं कर्मग्रन्थों के आधार पर कषायों की चर्चा
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