________________
VII
जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के स्टाफ और विशेष रूप से उसके ग्रन्थालय का भी इस शोधकार्य में सहयोग रहा है, अतः उनके प्रति भी आभार व्यक्त करती
__ इस शोध-सामग्री को कम्प्यूटराइज्ड करने में राजा जी'.ग्राफिक्स, शाजापुर के श्री शिरीष सोनी का विशिष्ट सहयोग रहा है। उनके प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित करती हूँ।
इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस शोध प्रबंध के प्रणयन् में जो भी सहयोगी बने, उन सबके प्रति मैं अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करती हूं।
इस सम्पूर्ण शोध प्रबंध में अज्ञान एवं प्रमादवश त्रुटियाँ रहना स्वाभाविक है। अतः प्रबुद्धजन अपने सुझाव एवं मंतव्य प्रस्तुत करने हेतु सादर आमंत्रित हैं।
- तृप्ति जैन
-------000-------
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org