Book Title: Harichand Rajano Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 18
________________ (१६) नकसुंदरविरचितो श्रीहरिश्चन्छ तारालोचनि चरित्रे सत्यशीलाधिकारे नवरसवर्णन मध्ये श्रृं गार रस वर्णन नामा प्रथम खंग संपूर्णः ॥१॥ ॥ अथ दितीय खंडप्रारंनः॥ ___॥दोहा॥ ॥ श्री सदगुरु प्रणमुं सदा, सिद्धिदाय सुवि शेष॥ जावडगढ मुकुट मणि, श्रीउपाध्या यम हेस॥१॥ हवे बीजो खंग बोलशु, हरिचंद सत्य अधिकार ॥ विरहागम विक्रय करय, राणी राज कुमार ॥२॥णे अवसर सुरलोकमें, सनायें बेगे इंड॥ एम नाखे नर लोकमें, सबल सत्य हरिचंद ॥३॥ शूरवीर अति साहसी, दीसे राजा सोय॥आजतणे वारे तिहां, अवर न दीसे कोय॥४॥ मिथ्यात्वी माने नही.उवचन सर एक॥मुज आगल कुण मानवी, राखे निश्चल टेक ॥५॥पूरवनव संतापीया, विण अपराधे साध ॥ वैर संजायुं आपणुं, देशे फुःख अगाध ॥ ६॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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