Book Title: Harichand Rajano Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 38
________________ चार ॥ थाक उताख्यो श्रापणो हो ॥ श्रा० ॥क नक सुंदर सत्यधार ॥ १२ ॥ ॥दोहा॥ ॥ बालक रोवे रडवडे, आकुल व्याकुल होय ॥ नान्हडीयो नूख्यो घणुं, सात वर्षनो सोय ॥१॥ ॥ ढाल बीजी ॥ राग गोडी ॥ नथ गई मेरी नथ गई ॥ ए देशी ॥ ॥लाडुदे मोने लाडुदे, लाडुदेमाता लाडुदे ॥ लाडुदे मोने पेंडा दे, गुंदपाक गुंदवडां दे ॥१॥ ॥ मो० ॥ मुरकी मांमा मोतीचूर, बुंची लापसी घेवर पूर ॥ मो० ॥ खाजां ताजां वेग अणाव, ज रहरती सी जलेबी लाव ॥ मो॥२॥सेव सुदा लीनेसतपूडी,दालीनालाडुदेमावडी।मोमग दल मीठा कोहोला पाक, कीटीना लाडु दे आप ॥ मो० ॥३॥ षट्रस आणी दे रे समी, सरस मिगई श्रमृत समी ॥ मो० ॥ फीणी नुखती सी रा तूत, चारोली नालेर मागे पूत ॥ मो॥४॥ साल दालने सूरहां घीह, जीमावो मोने माताजी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org


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