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अंक १]
दिगंबर जैन. (४३) शेठ मा. पा. दि. जैन बोर्डिंग- Tennings M. A, Principal रतलामः-स्वर्गीय दानवीर शेठ माणेकचंद- M. C. Collage., मूलचंदजी कोषाध्यजीए पोतानी पेढी 'माणिकचंद पानाचंद' क्ष, आनंदस्वरुपजी और शबीदन्तरायना नामथी आ बोर्डिंग त्रण वर्ष थयां सहारनपुर । * रतलाम नरेशने हाथे स्थापन करी छे, (४५) दि. जैन बोर्डिंग-मेरठः-तीन जेमां शरुआतमा चारज विद्यार्थी हता, त्यारे साल हुए इस बोर्डिंगकी स्थापना हुई है, आजसुधी एनो वागड, मेवाड, माळवाना जिसमें आजतक संयुक्त देशके ९० विद्या६७ विद्यार्थीओ लाभ लई गया छे, तेमां थींओं प्रवेश हुए थे और अभी ४५ वि२३ विद्यार्थी हाल छे, जेने हिन्दी पहेलाथी द्यार्थी हैं । भोव्य फंड बहुत कम है और अंग्रेजी मीडल सुधीनो अभ्यास थाय छे. मकान किरायेका परन्तु अच्छा है। यदि फंड सुप्रीन्टेन्डंट भाई कालुरामजी धर्मशिक्षण ज्यादे होवे तो १०० विद्यार्थी हो जाते ।
आगेछ, जेओं बहुज काबेल अने लायक इस बोर्डिंगके सभापति रायसाहब प्रभु"होचाथी बोर्डिंगना कार्यथी सर्वेने संतोष लालजी और मंत्री बाबू रिषभदासजी बी.ए. थाय छे. आज मुजब बधी बोर्डिंगोमा हैं। इस चित्रमें बैठे हुए महाशयोंमें दासुप्रीन्टेन्डंटज धर्मशिक्षण आपी शके हिनी ओरसे पाँचवें मास्टर मित्रसैनजी एवी गोठवणो थवानी जरुर छे. स्थायी
कांसिल, आ. सुप्रीन्टेन्डन्ट और छठवें माफंड सारं छे, पण स्वतंत्र मकाननी जरुर स्टर चंपतलाल आ. आ. सुप्री. हैं । संछ. एना सेक्रेटरी परी. लल्लुभाई प्रेमानंद- युक्त देशके भाइओंने इस बोर्डिंगको सहादास एल. सी. ई. छे.
यता देते रहना चाहिए । (४४) सुमेरचन्द दि. जैन बोर्डिंग-ई- (४६) केशलोचमहोत्सव (कुचामन) लाहाबादः-इस बोर्डिंगकी स्थापना दो का दृश्यः-३-४ वर्ष पूर्व श्रीमन् त्यागी वर्ष हुए स्वर्गीय बाबू सुमेरचंदजीकी धर्म- ऐलक पन्नालालजीके केशलोचके अवसर पलिकी ओरसे अपने पतिके स्मरणार्थ पर कुचामनमें बड़ा भारी मेला हुआ था, हुई है जिनके सुप्रीन्टेन्डन्ट और धर्मशिक्षक उस समयकी श्रीमजिनेन्द्रदेवकी रथयात्रा मास्टर दीपचंदजीमें धार्मिक प्रेम ज्यादे (जलुस)का यह चित्र है। पाठकवृन्द ! होनेझे कार्य सफलतापूर्वक चल रहा है। देखिए ! क्या रमणिय चित्र है ? मध्यमें अभी ११ विद्यार्थी हैं ! चित्रमें बैठे. हुए रथ खड़ा है। चारों ओर यात्रीजन खड़े महाशयोंके अनुक्रमसे नाम निम्न लिखित हैं, जिसके बीचमें त्यागीनी पन्नालालजी हैं-कुमार देवेन्द्रप्रसादजी, मा. दीपचंदजी महाराज भी हैं । यह खुरजाका रथ बड़ा सुप्री, बच्चुलालजी मंत्री, Hon'ble J.G. भारी और बहुत शोभनीय है।