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को सचित्र खास अंक. Kk [ वर्ष ८ उस पदार्थसे सम्बंध कर देता है । एकांत ! स्पर्श किया था, हाथीको मूसलकी समान अनेकांतके समझने के लिए कुछ उदाहरण बतलाया। इसी प्रकार वे छहों अंधे देते हैं।
आपसमें लड़ने झगड़ने लगे और एक
दूसरेको झूठा बतलाने लगे। उनकी किसी समय एक ग्राममें ६ अंधे रहते बातचीतको एक आंखवाले मनुष्यने सुनथे । उन्होंने हाथी कभी नहीं देखा था।
कर विचार किया कि वास्तवमें इनमेंसे एक दिन दैवयोगसे कोई राजा हाथीपर
हरएकने हाथीके एक अंगको देखा है चढ़कर उस ग्राममें आया । हाथीके आनेके
और जैसा वह अंग है वैसा ही वह कुल समाचार सुनकर उन छहों अं|को हाथीके
हाथीको बतलाता है । यही इनमें से हरएदेखने का शोक हुआ और वे हाथी देख
ककी भूल है । अतएव उसने उन छहों नेके लिए गए। एक अंधेने जाकर हाथीकी
अंधोंसे कहा कि तुम व्यर्थमें लड़ रहे हो। पूंछको पकड़ा। दूसरेने हाथी को वास्तवमै अनेकांत सिद्धांतके अनुसार तुम टटोला। तीसरा उसके पेट पर हाथ फेरकर सब सच्चे हो । तुममेंसे हरएकने हाथीके एक चला आया । चौथेने केवल कानका स्पर्श एक अंगको देखा है, कुलको नहीं देखा है। किया। पांचवेंका हाथ हाथी दांत पर तुमसे हरएककी बात उस अंगकी अपेक्षा पड़ा। छठेने हाथीकी सूंडको हाथ लगाया।
जो उसने देखा है, सच है। पूंछकी अपेजब छहों अंधे संध्याके समय एकत्रित क्षा हाथा
क्षा हाथी रस्सेकी समान, टांगकी अपेक्षा हुए, तब उन्होंने हाथी का स्वरुप वर्णन
स्तम्भकी समान, पेटकी अपेक्षा बड़े मटकरना प्रारम्भ किया । जिसने केवल पूंछको
केकी समान, कानकी अपेक्षा सूपकी पकड़ा था उसने हाथीको एक रस्सेकी समान, दांतकी अपेक्षा सींगकी समान समान बतलाया। दूसरेने जिसने टांगको और सूंड़की अपेक्षा मूसलकी समान पकड़ा था, हाथीको एक स्तम्भकी समान कहला सकता है परंतु यदि तुम बतलाया। तीसरेने जिसने हाथीके पेटको एकांत पकड़के हाथीको रस्से वा स्तम्भकी हाथ लगाया था, हाथीको एक बड़े मट- समान कहो तो ठीक नहीं है। केकी समान बतलाया। चौथेने जिसने अतएव इसी प्रकारं एकांत धर्मवाले कानका स्पर्श किया था हाथीको सूपके वस्तुके किसी गुण वा पर्यायविशेषको समान कहा । पांचवेंने जिसका हाथ हा- देखकर कोई सिद्धांत जो केवल उस गुण थीके दांत पर पड़ा था, हाथीको सींगकी वा पर्यायसे सम्बंध रखता है, उस गुण समान बतलाया। छठेने जिसने सूंडका वा पर्यायकी अपेक्षाके बिना ही कुल वस्तु