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जीवन जीने की कला
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प्लेटो के एक मित्र ने उनसे कहा - " कुछ आलोचक आपकी बहुत ही बुरी आलोचना करते हैं, किसी तरह उन आलोचकों का मुँह बन्द कर देना चाहिए ।"
प्लेटो ने मुस्कराते हुए कहा - " मुँह बन्द करने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें निस्संकोच बोलने दीजिए, मैं ऐसा जीवन जीऊँगा कि आलोचकों की बातों पर कोई विश्वास ही नहीं कर सकेगा । जीवन जीने की कला मैं जानता हूँ ।"
बिन्दु में सिन्धु
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