Book Title: Bindu me Sindhu
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 107
________________ देश की शान * वीर दुर्गादास अपने खेतों की रखवाली कर रहे थे । उस समय सरकारी ऊँटों का एक दल उनके खेतों में आ गया दुर्गादास ने ऊँटों के नायक से कहा - शीघ्र ही खेत में से ऊँटों को बाहर निकालो, किन्तु राजकीय मद में उन्मत्त बने हुए नायक ने उसकी बात को हवा में उड़ादी । दुर्गादास ने तलवार के एक ही बार में ऊँट का सिर उड़ा दिया । उस समय जोधपुर के राजा जसवन्तसिंह थे । उन्होंने दुर्गादास के पिता आसकरण को दरबार में बुलाया । जब दुर्गादास के साथ आसकरण जो दरबार में पहुँचे तो जसवन्तसिंह ने प्रश्न किया आपने सरकारी ऊँट को क्यों मारा है ? आसकरण जो चुप थे । बालक दुर्गादास ने निर्भयता पूर्वक कहा- राजन् ! सरकारी ऊँट का सिर मैंने काटा है । आपको ज्ञात ही है कि किसानों का जीवन खेती पर निर्भर है, अब आप ही बताइए कि हम कैसे सहन कर सकते हैं कि ऊँट हमारी फसल को नष्ट करदे । दुर्गादास की बीरता को देखकर राजा जसवन्तसिंह मुग्ध थे । उन्होंने कहा इस बालक को मुझे दे दो, यह राज्य की शोभा बढ़ाएगा । वीर बालक ही देश की शान है । ६४ बिन्दु में सिन्ध Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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