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सन्त तुकाराम की महानता
सन्त तुकाराम बड़े भक्त थे, वे एक रात्रि को कोर्तन कर रहे थे। उनकी कुटिया पर अन्य कोई नहीं था। एक चोर ने अवसर का लाभ उठाया और जो भैंस बँधी हुई थी, उसे खोलकर हाँकते हुए चलता बना।
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बिन्दु में सिन्धु
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