Book Title: Bindu me Sindhu
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 74
________________ अपने कमरों को साफ करें।" सभी लड़के अपने-अपने कमरे की सफाई करने में लग गये पर एक छात्र अपनी मस्ती में बैठा रहा। उसके चेहरे से ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो उसने आदेश सुना ही न हो। __ अध्यापक ने डाँटते हुए कहा-"क्या तुमने मेरी बात नहीं सुनी ?" उसने अत्यन्त नम्रता के साथ उत्तर देते हुए जवाब दिया-"श्रीमान् ! मैंने आपका आदेश सुना है किन्तु मेरा कमरा बिल्कुल साफ है, जब मेरे कमरे में गन्दगी ही नहीं है, तो मैं सफाई किसकी करूँ ?" अध्यापक ने कहा- "तुम मेरे आदेश की अवज्ञा कर रहे हो, तुम भी सफाई करो।" विद्यार्थी ने निर्भीकता के साथ उत्तर देते हुए कहा"श्रीमान् आपका आदेश गन्दगी को साफ करने के लिए है, जब मेरे कमरे में गन्दगी ही नहीं है तो सफाई किसकी की जाय?" ____ अध्यापक उसकी निर्भीकता एवं सच्चाई देखकर मुग्ध हो गया। उस लड़के का नाम था तिलक । जो बाद में, 'लोकमान्य तिलक' के नाम से प्रख्यात हुए। लोकमान्य तिलक ने ही सर्वप्रथम नारा लगाया कि स्वतन्त्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। बिन्दु में सिन्धु ६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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