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शब्दों में उस पीटने वाले युवक से पूछा-भाईसाहब! आप इस बालक को कितनी बेंत लगाना चाहते हैं।
पीटने वाले युवक ने उसे झिड़कते हुए कहा- तुम्हारा क्या तात्पर्य है ?
धीरे से बालक ने कहा- मुझे एक काम है। क्या काम है तुम्हें ?
मैं इतना हृष्ट-पुष्ट नहीं हूँ कि इस बालक का पक्ष लेकर आपसे लड़ सकू किन्तु मैं इतना अवश्य कर सकता हूँ कि इसकी पिटाई में हिस्सेदार बन सकता हूँ।
इसका क्या मतलब है ? यह तुम्हारी पहेली मेरी समझ में नहीं आई। ____ मेरा तात्पर्य यह है कि तुम इस लड़के के जितनी बेंतें लगाना चाहते हो, उनकी आधी मेरी पीठ पर लगा दो।
पीटने वाला युवक उस साहसी बालक की ओर आश्चर्य मुद्रा में देखता रहा, उसे अपनी निर्दयता पर विचार आया कि एक मैं हूँ, जो बुरी तरह इस मरियल लड़के को मार रहा हूँ और एक यह है जो इसके बदले में मार खाने के लिए प्रस्तुत है। उसने उसी क्षण उस बेंत को तोड़कर एक ओर फेंक दी।
यह बचाने वाला बालक आगे चलकर अंग्रेजी का सुप्रसिद्ध कवि लार्ड बायरन के नाम से विश्रुत हुआ।
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बिन्दु में सिन्धु
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