Book Title: Bindu me Sindhu
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 63
________________ सच्चा धन एक सेठ के पास धन के अम्बार लगे हुए थे, तथापि उसे सन्तोष नहीं था । एक दिन एक चमत्कारी योगी नगर के बाहर आया, सेठ ने उसकी प्रशंसा सुनी और वह उसके पास पहुँचा । सेवा करने के पश्चात् उसने कहा कि मुझे इतनी सम्पत्ति प्रदान कीजिये कि सात पीढ़ी तक वह खत्म न हो । सन्त ने उसके चेहरे को ऊपर से नीचे तक देखा और कहा - " तुम जो चाहोगे, वह हो जायेगा, पर तुम्हें एक काम करना होगा ।" सेठ ने बड़ी नम्रता से पूछा - "बताइए वह कौनसा काम है ?" बिन्दु में सिन्धु ५० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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