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मित्र ने कहा-पैसे मैं दूंगा, तुम्हें मेरे साथ नाटक देखने चलना ही होगा। मित्र अपने दृढ़ निश्चय पर अड़ा रहा अतः गोपाल को उसके साथ नाटक में जाना पड़ा।
कुछ दिनों के पश्चात् दोनों मित्रों में किसी चीज को लेकर अनबन हो गई। वह मित्र नाटक दिखाने के दो पैसे माँगने लगा। __ गोपाल के सामने एक गम्भीर समस्या उपस्थित हो गई, उस समय उसे घर से महीने भर के खर्च के लिए सिर्फ दो रुपए मिलते थे और वे रुपए भी गुरुजी के माध्यम से। यदि वह चाहता तो दो पैसे गुरुजी से लेकर दे सकता था, पर उस घाटे की पूर्ति कैसे की जाय, यह उसके सामने प्रश्न था। उस समय एक पैसे के मिट्टी के तेल से एक महीने भर लालटेन जलती थी। ___ उसने निश्चय किया और वह दो महीने तक चुगो की लालटेन के नीचे बैठकर पढ़ता रहा और दो पैसे बचाकर उसे दिये । यह थी उनमें सत्य-निष्ठा ।
बिन्दु में सिन्धु
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