Book Title: Bhagwati sutram Part 02
Author(s): Abhaydevsuri,
Publisher: Agamoday Samiti
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संखेज्जा भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा केवतिएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुट्ठा ?, जहन्नपदे तेणेव संखेज्जएणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं उक्कोसपए तेणेव संखेज्जएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, केवतिएहिं अधम्मत्थिकायएहिं एवं चेव, केवतिएहिं आगासत्थिकाय० तेणेव संखेज्जएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, केवइएहिं जीवत्थिकाय०१, अनंतेहिं, केवइएहिं पोग्गलत्थिकाय ० ?, अणतेहिं, केवइएहिं अद्धासमएहिं ?, सिय पुढे सिय नो पुढे जाव अनंतेहिं । असंखेज्जा भंते ! पोग्गलत्थिकायप्पएसा केवतिएहिं धम्मत्थि० १, जहन्नपए तेणेव असंखेज्जएणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं उक्को० तेणेव असंखेजएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, सेसं जहा संखेज्जाणं जाव नियमं अनंतेहिं ॥ अनंता भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा केवतिएहिं धम्मत्थिकाय०, एवं जहा असंखेजा तहा अणतावि निरवसेसं ॥ एगे भंते ! अद्धासमए केवतिएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुढे ?, सत्तहिं, केवतिएहिं अहम्मत्थि० ?, एवं चेव एवं आगासत्थिकाएहिवि, केवतिएहिं जीव० ?, अनंतेहिं, एवं जाव अद्धासमएहिं ॥ धम्मत्थिकाए णं भंते ! केवतिएहिं धम्मत्थिकायप्पएसेहिं पुढे ?, नत्थि एक्केणवि, केवतिएहिं अधम्मत्थिकायप्पएसेहिं ?, असंखेजेहिं, केवतिएहिं आगासत्थि० प० १, असंखेज्जेहिं, केवतिएहिं जीवत्थिकायपए० १, अणंतेहिं, केवतिएहिं पोग्गलत्थिकायपएसेहिं ?, अणतेहिं, केवतिएहिं अद्धासमएहिं ?, सिय पुढे सिय नो पुढे, जइ पुट्ठे नियमा अणतेहिं । अहम्मत्थिकाए णं भंते ! केव० धम्मत्थिकाय० ?, असंखेजेहिं, केवतिएहिं अहम्मत्थि० ?, णत्थि एक्केणवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, एवं एएणं गमएणं सद्देवि सट्ठाणए नत्थि एक्केणवि पुट्ठा,
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