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तोमग भाग।
१९ दुर्गध (बदबू) जैसे-गुलावके प्लमें मुगंध और मिट्टीके नेलम दुर्गध होती है। ___ स्पर्श उसे कहते है, जो स्पशन इन्द्रियसे या छनेसे जाना जाय। स्पर्श आठ प्रकारका होता है-निन्ध (चिकना), सस (रूखा), शीत (ठंडा). उष्ण (गम) और लघु (हलका) जैन्ने घीमें स्निग्ध, वाल्मे लक्ष. पानी में गीत. अनिमे उष्ण, मक्सनमे मृदु, पत्थरमें कर्नश, लोहमें गुरु और मटमें लघु म्पर्य रहता है।
रूप ५, रस ५. गंध २ और स्पर्श ८ इसप्रकार मत्र मिलकर पुद्गलमें २० गुण होते है ।
प्रटनावली।
१-रूप और स्पर्शमें क्या भेद है? जिस वस्तुमें रस होता ___ है. उसमें म्पर्श होता है या नहीं:
२-किसी ऐमी वस्तुका नाम लो, जिसमें रूप. रम, म्पर्य न पाए जावें।
३--रूप और रसके कितने भेट है 2 नीचे लिख हुओंमें कौन कोन गुण हैं ? पत्थर, तावा. अंगूर, लकडी, तिनका, ओला, इत्र. दहीं।
४-वायुमें कैसा स्पर्श है ? धूप, चादनी और अंधेरेमें कैसा रूप है ? जलमें कैसी गंध है ? और वीमें कैसा रस है ?
-नीचे लिखे गुण किन किन इन्द्रियोंसे जाने जाते हैं ? मधुर, रूक्ष, पीत, शीत, क्टु और मृदु ।