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* श्रीवीतरागाय नमः । *
बालबोध-जैनधर्म
चौथा भाग।
प्रकाशकमदनलाल मोहनलाल बाकलीवाल, मालिक, जैन-ग्रन्थ-रत्नाकर कार्यालय,
हीराबाग वम्बई नं० ४.
___ जुलाई, सन् १९४५ तेरहवीं आवृत्ति ] * मूल्य सात आने मुद्रक-रघुनाथ दिपाजी देसाई, न्यू भारत प्रिंटिंग प्रेस,
६ केलेवाडी, गिरगाँव, बम्बई ४.
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