Book Title: Balbodh Jain Dharm Part 01
Author(s): Dayachand Goyaliya
Publisher: Daya Sudhakar Karyalaya

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Page 104
________________ ( ३० ) ४ इनमें कौन कौन अभध्य है: बैंगन, टहीतदा, पेट्रा, गोभी का फूल, आम, मक्खन, खीरा, कमलगट्टा, आल, कचाल, सोया, पालक, नी, गाजर, नींबूका आचार, बादाम, चिरोंजीका रायता । ५ कुछ ऐसे अभक्ष्य पदार्थोंके नाम बताओ जिनमें त्रम जीवोंकी हिंसा होती हो । ६ अभध्य कितने हैं ९ लोकमें जो बाईस अभव्य प्रसिद्ध है, उनके विषय में तुम क्या जानते हो ! ७ अभयका त्यागी मूलगुणधारी है या नहीं ? --- सातवाँ पाठ | व्रत । अच्छे कामों के करनेका नियम करना अथवा बुरे कामोका छोड़ना यह व्रत कहलाता है । ये व्रत १२ होते हैं: - अणुव्रत ५, गुणवत ३, शिक्षात्रत ४, इनको श्रावकके उत्तरगुण भी कहते है । इनका पालनेवाला श्रावक ( व्रती ) कहलाता है । अणुव्रत । हिंसा झूठ चोरी वगैरह पॉच पापोका स्थूल रीतिसे एकदेश त्याग करना अणुव्रत कहलाता है । १ श्रावक स्थूल रीतीसे पापका त्याग करते हैं, इस कारण उनके व्रत अणुव्रत कहलाते हैं, मुनि पूर्ण रीतिसे त्याग करते हैं, इसलिए उनके मत महावत कहलाते हैं । f

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