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बालबोध जैन धर्म ।
(ग) गोविन्द्र के अन्तगय कर्मका उदय है, इस कारण जन्ममे अन्धा है।
(घ) बगीने एक कमाईको जीव वध करने के लिये एक तलवार ढी तो उसके ज्ञानावग्णी फर्मका बंध हुआ।
(ट) राममूर्तिका शारीर मा सुन्दर और सुटौल उच्च गोत्र कर्मके उदयसे हुआ है।
सातवाँ पाठ। सचे देव, शास्त्र, गुरू।
सच्चा देव । सच्चा देव उसे कहते है, जो वीतरागी, सर्वज्ञ और हितोपदेशी हो।
वीतगगी उसे कहते है, जो क्षुधा (भूख ), तृपा, निद्रा, जन्म, मरण, बुढ़ापा, रोग, गर्व, भय, राग, द्वेष, मोह, चिन्ता, रति, अरति खेद, स्वंद ( पसीना) और आश्चर्य इन अठारह दोपोसे रहित हो, अर्थात् जिसमें ये १८ दोप न हो. जो न किसीसे राग करता हो न किमीसे द्वेष रखता हो, सबको सम (बराबर ) देखता हो। ____ सर्वज्ञ उसे कहते हैं जो मंमारके मव पदार्थोंको सब दशाओमें देखे और जाने । अर्थात् संमाग्में ऐसा कोई भी पदार्थ नहीं है जिसे सर्वज्ञ न जानता हो ।