Book Title: Aupapatikopanga Sutram
Author(s): Jinendrasuri, 
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 41
________________ औपपा वीरवर्णन तिकम् ॥ २६॥ जालपाणी (७४) पीवर--(वट्टियसुजाय) कोमल--वरंगुली आयंवतंब-तलिण-सुइ-रुइलणितणक्खे (७६), चंदपाणिलेहे सूरपाणिलेहे संखपाणिलेहे चक्रपाणिलेहे दिसा-सोथिअ--पाणिलेहे चंदसूर--संख-चक्कदिसासोस्थिअ--पाणिलेहे (रविससि--संख-चक्कसोवस्थिय--विभत्त-सुविरइय--पाणिलेहे अणेग-चरलक्ख-बुत्तिम-पसत्यमुहरहयपाणिलेहे)(८२), कणग-सिलातलुजल--पसत्य-- समतल--उवचिय-विच्छिण्ण-पिलवच्छे (८३), सिरिवच्छंकिय--वच्छे (उवचिय--पुरवर कवाड-विच्छण्ण-पिठुलवच्छे, कणय-- सिलायलुजल-पसाथ- समतल-सिरिवच्छ -रइयवच्छे) (८४), अकरंडुअ- कणगरुयय--निम्मल--सुजाय--निरुवहय--देहधारी (८५), अट्ठसहस्स--पडिपुण्ण--वरपुरिस-लक्खणधरे (८६), सण्णयपासे सगयपासे सुंदरपासे सुजायपासे मियमाइअ-पीणरइअपासे (६१), उज्जुअ--समसंहिय -जच्चतणु--कसिण-णिद्ध--आइज्ज-लडह-रमणिज्ज-रोमराई झस--विहग--सुजाय--पीणकुच्छी (९३), 'अवडियसुविभत्तचित्तमंसू' अवस्थितानि-अवर्धिष्णूनि सुविभक्तानि-विविक्तानि चित्राणि-अतिरम्यतया अद्भुतानि श्मश्रुणि-कूर्चकेशा यस्य स तथा । 'मंसलसंठियपसन्थसदूलवउलहणूए' मांसल-उपचितमांस संस्थितो-विशिष्टसंस्थानः प्रशस्त:--शुभः शार्दूलस्येव व्याघ्रस्येव विपुलो-बिस्तीणों हनुः चिबुकं यस्य स तथा । 'चउरंगुलमुप्पमाणकंवुवरसरिसग्गीवे' चतुरगुललक्षणं सुष्ठु प्रमाणं यस्याः सा तथाविधा कम्बुवरसदृशी च--उन्नततया बलित्रययोगाच्च प्रधानशङ्खसदृशी ग्रीवा--कण्ठो यस्य स तथा (७०), 'वरमहिसवराहसीहसलउसभनागवरपडिपुण्णविउलक्खंधे' वरमहिषः--प्रधानः सेरीमेयः वराहः-शूकरः सिंहा-केसरी शार्दूलो व्याघ्रः ऋषभो-वृषभो, नागवर:--प्रधानगजः एषामिव प्रतिपूर्णः-- स्वप्रमाणेनाहीनो विपुलो-विस्तीर्णः स्कन्धः--अंशदेशो यस्य स तथा (७१), 'जुगसन्निभपीणरइयपीवरपउट्ठसंठियमुसिलिछविसिघणथिरसुबहसंधिपुरवरफलिहवटियभुए' युगसन्निभौ--वृत्तत्वायतत्वाभ्यां यूपतुल्यौ पीनौ--उपचितौ रतिदौ--पश्यतां सुखकरौ पीवरप्रकोष्ठौ--अकृशकलाचिकौ संस्थितौ-विशिष्टसंस्थानौ सुश्लिष्टाः--सङ्गता विशिष्टा:-प्रधानाः घना-निबिडाः स्थिरा:-नातिश्लथाः सुबद्धाः--सुष्टु नद्धाः स्नायुभिः सन्धयः-- सन्धानानि ययोस्तौ तथा वाचनान्तरे युगसन्निभपीनरतिदपीवरप्रकोष्ठश्चासौ संस्थितोपचितघनस्थिरसुसम्बद्धसूनिगूढपर्वसन्धिश्चेति कर्मधारयपदमिति । XXXXXXXXXXXXXXXXX 张张张张张张张张来来来来来来来来来※※※※※※ X॥२६॥

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