Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

Previous | Next

Page 24
________________ पाठ -३ महापुराण बुवकहनामियाशेबुडुसलीसितंबस्लिामियाशबुझंतदिधारय सम्मुटाइमिंधजाय दिनुहाशेबुङमहिलामय लजडिबुडपसुगलिहियोडाबडायकायर थरहरियपाणाबदोश्यासंदालविमाणाड्डमडवरणवाच्यमयंगाब आसवारवादियवरंगाधनबुडकारणवसमहासमजामहरांतिपरोपकार्थतरितामपहतहिमिंस्विक्सिमुघविवर विहिवलहमशेजोमयश्वालातहोतोसइसिहदोतलियालातलिपुलेरिसमसारियावडियईवाबजारियातिलि मुखविरहसाऊरियाविनंतरश्वारियाशी त लिभुषविक्षारापतरियासमईपडियारिणिवेसियातिलिया लिविलगघलाजालम्युबईकयतिबंध वाशेलमुपविमयमायगरदापडिगयवांचालनऊहाताल पुणेविमवरलावतरियाहफिरुऊरंतधावी धरियारहखवियकहियपाहीहावारियविधतचएयजोदाम घamपस्सिसियरलपरियशरूयावर सबसलहियसिमाजशियकलयलोधवडकोडिलाडो आलिहियापामियसिरहिमलियकरहिवाऊवल्लिखमरकरेहि अभिवोसुपसमंतएटिविलविविसविय महंतएहि मूविलिविजयलडिंगेहावेजावरमदेहायशवालविवसलियपयावामूविलिविशांताररावा शिलविजयधरलयामामूविसिविरामादिरामाईविसिधिरहमिययंडामहिमहिलहिकरावाटंडामविलव विणिवायउसलालयतायापायएंकरहतसलउमविलिक्लिएजपहोवाइजमारुधम्मपखाखरपहरखधाराद विीर अपभ्रंश-पाण्डुलिपिचयनिका Jan Education international For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126