Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 42
________________ निहितमञ्चदाताहवललकणेहिजाणाaaसायलाइजेमाजिहहरिवलसासावलेवासुपरमधा महेनायणणातवचरणुलविंदायणणाघना॥दसरअप्पदिणाकिररामहाजसमपडीवर यतावण।उहालश्धलिवनयापरिंद स्मसाऊणयबजटामरामाहिरामस्सरजीससादो वायस्ससग्नाणुरामालाकोडिकनालयालिद्धपायासपावकंवापहालिन्नगुशायणचंगतार जाणितमझाावासायवछछयाबायपाणावरालाविणकोइलालाववामिहोमोरपिंडोहा संकासकेसणंगस्सललावपळस्पवेसांगियावयाजलारामगनपरिंदोसुरिंदाचपावल। नावराममिनअणासोगमकाला।महंगादणावाउरजापालोमिएहोपवंतनसावलबासमा यारिअलरकरणागमएवाधिन्ना॥नश्वर्युपत्रमट्ठातापरपसणुकिजवाहतश्वश्साउंदन मसरहाणिजआअहवइतरद्वविधामामुलासावितश्अपिअसारुसचुधिरुप दियणुजाउसरारुवित्रुचिश्तववरणनिहितचितुवाईमुगवितासुजदिपुरजातालका णुलकरंटणचाताणविहनविनरङनकेक्क्याविसङ्घहणुकमारुनसुप्पयामिति पिविण्यप्फुलियमुहणावालिजुश्दसरदतणुरुदेणापुत्रहापुततापनि उजेोजकलुनवा १७ डावश्वसणपुंजानियजणणहामारणा दिनाकर विवरकहोपापानिपुणुप र Ma अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jan Education International

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