Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 70
________________ डिपणयरितेजोरायणदएकहइकोसङ्गदविर्णिमेइणिलेइसोडायनाताणविधिट चरियणानरनाहअगाइनलियनाउदलस्किज्जवसउदेवमहासाणवलश्मतिहिमारियल जावयासणेविणसरल वाहासंबहनमंतिहिवरणिणाझातिहिफलहिममिएकजिफलाख रणर हरियनमावरणिधराशवराहविलिशुचविखमीसावणियउपसपनधरणिईसापा रियाणविर्मतीरायणडालिवर्णदएपिडदिवदेवाचदहोहिनरेसरपरममिवामदेववहाँ सकलिवितावणियाणवणेविणणरवरेणाअहियाव्यसानपणतणागरुयाणसयुजान अवहेशहियाईछियासंघइसोलहेइकहाणीकहियवसामुणसारणिपुनदिया घनाकरकंउजणाविठव्यरज्ञादियबुद्धिज्सयल कलिताश्यलिसिएजाणवहरवास वनइणिडवलतंयमुणेविषखयराखाकर कंजुणमेलश्यासुताखाणियामंदिसा२३ मिल्लिविरम्ममाटाकरकंडणमेलमसालासकर इतिछुलीलाइजामादतीपुरिएकहिदिवसितामा न अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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