Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 76
________________ दामुयदिगाउँ सुलिवरास झालासी दलिय तव सरावल व महंगात दिसुतम जात विवादयते लिया यधरि नवसीय कंदरिविवरियकतहि । श्रथम नऊ सुमित्र (संसार सरुवति विनियमिजा लियस मिनार्सेल हवा मुखरजा नियविव सुविययसाएं डरकनसा हैं दिविश्व मिजायन सुरकधरुत्रय त्रदित प्रमायरे इत्तरिया मह केवख वियविहाव रिया प्रियसु हा एसयल जि मिलियास जाम लिए तेजोय चलिया। सत्रधवल मिग विसियंत्र महाजल से सियाघज्ञान ऊंखा कुमिये न। जेनई सेसई पत्रगिरिसंह वारितदित करवलाश 455हज मल दिन Jain Education International अपभ्रंश- पाण्डुलिपि चयनिका For Private & Personal Use Only. (61) www.jainelibrary.orgPage Navigation
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