Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 57
________________ ६०२ कडुमरमिासदादासशयणसिदश्ताकरवंचरावलवारन्तिढुंसवविध कंटहिवडव थबाहिविसमखुवमस्पिनाश्मयपदियधम्मविद्धलउपायपिटुलिहालियथानुसारोवेवउबा! मुमक्षिसविसमसहिंणामुण्यहोवलियमागहादिस्सलियतरदाणहोरियपणभूषितास) HTaहिकाश्दमासणावारोवदिकिंयतिद्वयवसियरणनीतिमलिसियकलवमुद्धरण। मारोवहिकियकवेरविप्राडाकियाममहिमशिंगण्याडशिवनिकियकश्लासुद्धारासहसकि रगुणलकघरवारलारोवशिकियसुखसुवधकियारावयदापिसूलपारावदिकियदि पायररहमोडाकिंयसमिकसरिकेमरतोडणारावदिकियफलिमणिउहाल कियवरुपाहिला माणसंचालएरोवहिकिहाणहिरयाप्यायपाकियरयलियरप्राध्यायपरिवदिकियवहुरुवात, साहणुपकंयदारूसहसहसमरंगाघनास्थाजरामरतलपसिदियजासुसयवा!। रिचरोवहिकाऽवितीसगतासु॥३वनिमुलविपातविहीसपशएप्रिनिद| सासह तारिउलयायमहोबासरीरंाविण्यपादिहणजलविंडसमालोसुरवा विगतपदादावातडिफरणरणयतरकापवतरकरणसावेंरिंसाग गरीसारेकालागवल बादासाईहरेगवविडियव्यापछडरेलवन्दुग्नउिकेरुडेण्वकाडावासाबलाल ललियानालायचायतीनमुलाया हारमा हरेवापुरणवतरकाणरावण्यधादिगणपति अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका For Private & Personal use only Jain Education International www.jainelibrary.orgPage Navigation
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