Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 61
________________ पंकजाइलग्नशकमल मालपुणुनिणहलग्नादावउहाउसहाकालाहिसिहएमेलिया नभएरणाविहिावडमकामरगविवलिगमलतरुवरुाइहपवणवालपारंसियोसञ्चा: हायमानुसमुनियोहिदायरेकचाहवामोडहंडहिविसमाना॥किंकित लिदिवाजणवमुशमऊमागहाजिरकायलोलिडाईनराळानिमशिधासणहासायहिवया मुणविणहसिहलानचाउरामंपदरिसिउामहरणराहिवनसलिहलहगाहरिसिउलका ॥णुसहसहो।तिनिधिविरंतमणिकेडलाइनिसियजाणयकएयतामंडलाहरिमियलवकसन.. स्मालविहरिसियवानंघणलापालवानारतरंगरंतविसमणविदिहिमुहमुयमहिंदमुमणविग वयगवरकरवसकंदणावैदराशिदायरगदागालेकाहिवंसुग्नीगंगयाजववपणजयपवलग लायवालगिविणउसमुद्दविवसहदिअमरिंदणदिवियनापतलाकवरवनिासयलवा जावग्हरिसियापरहियपकलुसुवतआरदवाक्कुरणहरिसिया सायाजाचावला वाजिसमविपुणुवलावीकोवियरवणयरवागावियरवाणाहसयातिलिवरकोणप्रिरिया खडलडविछडेदिकालागुरुवैदयसिविडेर्दिीदेवदारुकप्परसहासचिननश्यवा उपासहि/वडियारायभायगिवाणविदवंदरविहरिवंताणविधियुनिवडियपरमसार॥ ॥वियवयसालदेउप्पशिहादेवहापईताउँसनापजहारडवाहनही अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका Jan Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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