Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 65
________________ जानामिविजदूजिता: ... अतितायेगवेगेना. नंगःसनप्रणिताजेगानाननवाधिमानanuTHER ४%-य:पुन:प्राजापासीविका उहाविकानदावाबसमाधानकैaraalaसहमहामवदनाय काउदिकभानुदाविहस गयावावा यावेत दीपिका पासवगवा फायदा हानानतातभा गिाहमिदंतकरमिवसिपियमांपाहणलविदंतकिरपूरसबमविजे। विटेदना NRNAMAHAणता धनोजानःयदा रियविसूहावंकलमलियनिएककेजीविथसंदेवसिविणादि नोविमाधावपापालचकनाहरिसमिसेसषिमारियतामझामकथनां कृतनादेन वनमिलविसुणहवाश्यविनयधमूजोधकवणसेविसोवनया। स्वागवडवायसीतविमानसमास निधीवकारेवर रेपरिलमविरश्यगांधगा अपरिहालाकियाक्सgहिया २१५. कडियनीनवडनिवासिय व्यायामारपसबारातिस्पर ५सविस्वमसामियदेवोलवीडियधकाहपरियाशियोलक्षिछिपकसान कामात कामनयस्मिद्धिविधळावमावाडानियांतिवयवाचावाinga! मपाताल दूपाजः सियारवानामावविरविणरिहानिamasी बन्ने ५यविगतरनिडामविभिनजलक्षाकिरणाखालोनियंपादनदशियन केनद्रव्य वायनावादादिमावविक्तवानमिषहमांमक्षामिाहतवाहित लरहितयतिसमरिकामुरहाकारसंणदलमहीमहिपंडिविव पटनेपानमेवववर्विसिनियवान वसभााविसायाशयालारनामा समानखिम बदलवनोबा महासमितिविanthaहीदिकिकवादिनिवडदवावा तनालय विवादालिकाकasalaaपंकब-यविala.वातिssza:परिशहाजनारअतिश्वतताश्रीजनसागरतावरितामलकामा प्रावितिनताकासयागकर बिषलेरक्षा-नवnि जती. त्य अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका (50 Jan Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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