Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 60
________________ ६५२ FMकारसहावदानाविवामिलजम्हदेापवतापविदेविनयसुदशिकमकमलपिबतिवमुंधवि दिमागेवडियप्राण्यापापरिमियविज्ञाहस्मयाधामलायरिपराध्यावहिनिपिगडवा कानावादातदोधिययमेतलिडासियानहावरणामोग्रावामियकदविविहागुलाणुएपहेउग्न हिमुड़सजायपालाउसाभावादिन्तनरमंगलुधासिउापट्टागुगिनवममपानिमियम गिविहदरासायासासरगदेवमनिसामणधिनायरमेसरियटमसमागमाअनिलिकालिया हरसियपरकहादिवसिंपदिलाबदलेदसायमा केहिणियतिपरकाम्यापन: गऽपामगादविहमपिनविलग्नयालिरामहिलउहानिमुणित्वजनदरदाविय कडकविरकवारनमवद्वियमावलेजवाहिरबिउगुणपशिहाणाकहसयरवण हिलिहीगणतिनियकलाइलतमाडियालियसपडद्वतअंगुसमाडेविधि कारहावयांगितिकमततारहामायणतायसागवावलविधवालियमहरगापुगि समिहीपहातिगुणवतंधिनियाक्षिणपन्निजंतिमरंत वाघनारावललकसलियुवर्हनिया पालयदिऊलनंयोपयगायकवार दंतताबिघणंम्मयहोरामायणकण विजणहागाएतागाधनिहाइजससिसकलकतदिनपदिगिम्मनाकालभः महाजनाहजलाउवलुपुजणागविछिपातहिनिपंडिमचंदपावलियााधुनपा अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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