Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 44
________________ दिवेश्लोयलिंबुच्चदिंगणअनकाईदामहिंविद्यानपिसणविवलणपपिउालरहहासयलुवरजा समजामिमापदिहियमुददाजाहाजेंद्रमियतंसबरवनिहि।घनजिआउछियमायाहाहापुत्रतण यालाजपाहहामालगतिहिरियंदपणभिन्नगवतिर्विीचमारवर्टिकियपश्चिायणादुरकु२७|| पूजायसवयणाजगुवतिमहियाणासनिवडाव्यविहाणीमलालरकणारामुम्माहियापुर|| उमाल्वयाहियाहाहाकाईचत्रपश्यविहाणालियरकपणारामुम्माहियापुर्णविसदुरका अध्यायाहाहाकावुत्रपश्हटस्तादसरहवंसदीवजगसुदरपधिएकोपलवसुपसापड पावसापशविणुकादसायदिवडेसोपविणुकामिडागरमसायविषयला छकामाणपक्षणकोतवालसमापिईविलपरवलकानसशापविणकामासाहारसा। नातिकवाकसुणवितेउरुमहवामोलकणरामविअाधादमुपविश्यरुप्मावतोप उतरेअसुरविमद्देधारियलियजाणेविलवासेरीहिमापकिरावहिलहिलायणप्पाणुन । सायाहाजहरावकिरणहिससिनपहावज्ञतिहमहोतरणपावतेकजेंववासिवसेच्छा तायदातणउसछुपालेवउदाहिणदेसिकरेविणुपत्ताधम्हदयासिए सेमिन्तापवतणायचा लतासयलापारयणागछनउंचवलकसणणालप्पलसामादाघरुमश्चतउलखएका रामाहासादणदेशापविनहासावाननिच्छदाचणावातकियाइहस्थाहावज्ञवलहाग अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका Jan Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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