Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 50
________________ पाठ-८ पउमचरिउ Rऊऽयमणामरुणीसरुलणामउतधगधगधगंवातयतीसएकमउसापचरुखावद वविसविस्पउविसहरुपयताकिंकालुकिमिववािकिंकसरिकेसरग्निवरिभकोजममुह कहरहाणासरिजालवणमहारपश्सरितवयणुसब्धिणुमदुमहामारुहुममरतर। उहणुार्णधाउकरिथिरचारकरुाउम्मलिउदियवरुजेमताअनामिवितामिविगायल। किरघिवाडीवउधरलियलाकरेधिउत्तामहलपहरणलामुएरमाहणहिप्रकारगणदिया यतालगोलपसुतवसितियाहविपरिहरुमिलिविमाएगकियातलिमुणेविदियरूलखणगाणं मुअलरकणुलरकोणाश्रसरिउवाकपछामुहीकुसनिरुद्ध मन्नगापुणुहियवस खलिजेवणासघावडरवंड्वरिहरणाचतारावरिपहरिवरिकिउतववरणवरिविसहाला हलुaविमरनिहिंगपिएगुहिलणविनिविसुविग्रहप्रवुदयगणतोति सिविएमचर्वताउम्माजमहाजताइदिसपछिमपहरविलग्नघजश्वविउलव पहागयज्ञविठुरावसतिजावाएंग्ना हमदुमुदिहतामागुरुवेसुकशिवसुंदरसराझवि दयपढावारकरावाकिसलयकक्कारलगतिवाउलिविविटंगकिकीतगतिक कुडकुवधारतियास्मुविकला केकवदंतिपियमाहविसकावउलवतिर्ककावप्पाह समलवविासोतरुवरुगुरुगदरसमाणुफलंपन्नवतुअरवरनिहाघिन्नापइसतिहिंत्रा अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका wwww.jainelibrary.org Jan Education International For Private & Personal Use OnlyPage Navigation
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