Book Title: Apbhramsa Pandulipi Chayanika Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 51
________________ SiNESwamination द्वादिमिरुणामविरामजणद्दणेहिापाग्यविविदमदसरदसएनित्रादिदि उमुलिवसइनुदिया॥२॥ ॥सायमलग्णुदामरतिरुवरुमलपरिडिया विहिसासुकश्हेकवुमिहामेहतालुगयणगतावहिानपसरझ्मेदविंगयांग -- गणेोपसरजमसम्पुसमरंगणापसरजमतिमिरुत्रामागहोपसरजननुद्धिवदुजाण हो।पसरामपाउपाविडदापसरजेमधमुधमिहहो।पसरजेमतोन्हमयवाहहापस। एजेमकिनिजगणाहदापसरजितचिंतधगदापसरजमकिनिसुकलीपदापसरा मसहुसहरहो।पसरजमसेरासिनहेमरदापसरनेमदवग्निवतपसरश्मेद। जालुतियवरातड़ियडपडणुगजाजाणामहासरपुपवाघताराम महाधपुगहिवककामदगडूंदेवडेविजसलहउापारिगितगारादिवहापाउसरा। जनाइसन्नड्पाउमपरिदुगलगलिगाधलीरगिताविसनिउगविणुमेहवि। दिलामालग्नगतडिकवालपहारेतिम्तमानविवरामदंवलिविसालाउउिही साँउउन्हालाधगधधगधगधगंवरहाउादसहसहसहसंचसंपाइजाजलजलजलार २२ नउपजलंगाजालावलिकलिंगमेलंतजमावलिधयदंड विणातरवाटलिपवन' अपभ्रंश-पाण्डुलिपि चयनिका Jan Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126