Book Title: Agam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 19
________________ अज्झयणं-९ [२३६] एयमट्ठे निसामित्ता तओ नमी रायरिसी [२३७] मिहिलाए चेइए वच्छे पत्तपुफ्फफलोवेए, [२३८] वाएण हीरमाणं मि, दुहिया असरणा अत्ता [२३९] एयमहं निसामित्ता तओ नमिं रायरिसिं [ २४० ] एस अग्गी य वाऊ य भयवं अं तेउरं तेणं [ २४१] एयमट्ठे निसामित्ता तओ नमि रायरिसी [२४२] सुहं वसामो जीवामो मिहिलाए इज्झमाणीए [२४३] चत्तपुत्तकलत्तस्स, पियं न विज्जई किंचि [२४४] बहुं खु मुणिणो भद्दं सव्वओ विप्पमुक्कस्स [ २४५] एयमहं निसामित्ता तओ नमिं रायरिसिं [ २४६ ] पागारं कारइत्ताणं 1 उस्सूलए सयग्घीओ, [ २४७] एयमट्ठे निसामित्ता तओ नमी रायरिसी [ २४८] सद्धं नगरं किच्चा खंतिं निउणपागारं [२४९] धनुं परक्कमं किच्चा धिरं च केयणं किच्चाण [२५०] तवनारायजुत्तेण, मुनी विगयसंगामो [२५१] एयमहं निसामित्ता तओ नमिं रायरिसिं [२५२] पासाए कारइत्ताणं वालग्गपोइयाओ य [ दीपरत्नसागर संशोधितः ] 3 बहूणं बहुगुणे सया ।। चेइयंमि म ऊकारणचोइओ देविंदं इणमब्बवी || सीयच्छाए म नोरमे " नोर एए कं दंति भो ! खगा || हेऊकारणचोइओ देविंदो इणमब्बवी ॥ एयं इज्झइ मं कीस णं नावपेक्खह || [18] दिरं कारणचोइओ देविंदं इणमब्बवी | जेसिं मो नत्थि किंचणं न मे इज्झइ किंचणं || निव्वावारस्स भिक्खुणो अप्पियं पि न विज्जई || अनगारस्स भिक्खुणो एगंतमनुपस्सओ ।। हेऊकारणचोइओ देविंदो इणमब्बवी ॥ गोपुरट्टालगाणि य तओ गच्छसि खत्तिया ।। ऊकारणचोइओ देविंदं इणमब्बवी । तवसंवरमग्गलं | | I I I | | | I I | I तितं दुप्पधंस || जीवं च इरियं सया I सच्चेण पलिमं थए || भित्तूण कम्मकंचुयं भवाओ परिमुच्चए || I कारणचोइओ देविन्दो इणमब्बवी ॥ वड्ढमाणगिहाणि य तओ गच्छसि खत्तिया ।। I [४३-उत्तरज्झयणं]

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