Book Title: Agam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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[१४७८] अनंतकालमुक्कोसं, इक्कं समयं जह न्नयं ।
अजीवाण य रूवीणं , अंतरेयं वियाहियं ।। [१४७९] वण्णओ गंधओ चेव , रसओ फासओ तहा ।
संठाणओ य विण्णेओ , परिणामो तेसिं पंचहा || [१४८०] वण्णओ परिणया जे उ , पंचहा ते पकित्तिया ।
किण्हा नीला य लोहिया , हालिद्दा सुक्किला तहा ।। [१४८१] गंधओ परिणया जे उ , दुविहा ते वियाहिया |
सुब्भिगंध परिणामा , दुब्भिगंधा तहेव य ।। [१४८२] रसओ परिणया जे उ , पंचहा ते पकित्तिया |
तित्त-कडुय-कसाया, अंबिला महरा तहा ।। [१४८३] फासओ परिणया जे उ , अट्ठहा ते पकित्तिया ।
कक्खडा मउया चेव , गुरुया लहया तहा || [१४८४] सीया उण्हा य णिद्धा य , तहा लुक्खा य आहिया ।
इय फास-परिणया एए , पुग्गला समुदाहिया ।। [१४८५] संठाणओ परिणया जे उ , पंचहा ते पकित्तिया ।
परिमंडला य वट्टा य , तंसा चउरंसमायया ।। [१४८६] वण्णओ जे भवे किण्हे , भइए से 3 गंधओ ।
अज्झयणं-३६
रसओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४८७] वण्णओ जे भवे नीले, भइए से 3 गंधओ |
रसओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४८८] वण्णओ लोहिए जे उ , भइए से 3 गंधओ |
रसओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४८९] वण्णओ पीयए जे उ , भइए से 3 गंधओ |
रसओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९०] वण्णओ सुक्किले जे उ , भइए से 3 गंधओ ।
रसओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९१] गंधओ जे भवे सुब्भी , भइए से 3 वण्णओ ।
रसओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९२] गंधओ जे भवे दुब्भी , भइए से 3 वण्णओ ।
रसओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९३] रसओ तित्तए जे उ भइए से 3 वण्णओ ।
गंधओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९४] रसओ कडुए जे उ , भइए से उ वण्णओ ।
गंधओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।।
दीपरत्नसागर संशोधितः]
196]
[४३-उत्तरज्झयणं]
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