Book Title: Agam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 100
________________ [१५२९] एगत्तेण साइया , अपज्जवसिया वि य । पुहत्तेण अ नाइया, अपज्जवसिया वि य ।। [१५३०] अरूविणो जीवघ ना, नाणदंसण-सन्निया । अउलं सुहं संपत्ता , उवमा जस्स नत्थि उ ।। [१५३१] लोगेगदेसे ते सव्वे , नाणदंसण-सन्निया । संसारपारनित्थिण्णा, सिद्धिं वरगई गया ।। [१५३२] संसारत्था उ जे जीवा , दुविहा ते वियाहिया । तसा य थावरा चेव , थावरा तिविहा तहिं ।। [१५३३] पुढवी आउ-जीवा य , तहेव य वणस्सई । इच्चेए थावरा तिविहा , तेसिं भेए सणेह मे ।। [१५३४] दुविहा पुढवी जीवा य , सुहमा बायरा तहा । पज्जत्तं अ पज्जत्ता, एवमेए दुहा पुणो ।। [१५३५] बायरा जे उ पज्जत्ता , दुविहा ते वियाहिया । सण्हा खरा य बोधव्वा , सण्हा सत्तविहा तहिं ।। [१५३६] किण्हा नीला य रुहिरा हालिद्दा सुक्किला तहा । पंडुपणग मट्टिया, खरा छत्तीसई विहा ।। [१५३७] पुढवी य सक्करा वालुया य , उवले सिला य लोणूसे | अज्झयणं-३६ अय तंब तउय सीसग , रुप्पसवण्णे य वइरे य ।। [१५३८] हरियाले हिंगुलुए , मनोसिला सासगंजण-पवाले । अब्भपडल ऽभवालय, बायरकाए मणिविहाणा ।। [१५३९] गोमेज्जए य रुयगे , अंके फलिहे य लोहियक्खे य । मरगय मसारगल्ले, भुयमोयग इंदनीले य ।। [१५४०] चंदन गेरुय हंसगब्भे, पुलए सोगंधिए य बोधव्वे । चंदप्पह वेरुलिए, जलकंते सूरकंते य ।। [१५४१] एए खरपुढवीए , भेया छत्तीसमाहिया । एगविहमनाणत्ता, सुहमा तत्थ वियाहिया ।। [१५४२] सुहुमा य सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा | इत्तो कालविभागं तु , वुच्छं तेसिं चउव्विहं ।। [१५४३] संतई पप्प ऽनाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिइं पडुच्च सा ईया, सपज्जवसिया वि य ।। [१५४४] बावीस सहस्साइं, वासाणुक्कोसिया भवे । आउठिई पुढवीणं , अंतोमुहुत्तं जह न्निया ।। [१५४५] असंखकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जह न्निया । कायठिई पुढवीणं , तं कायं तु अमुंचओ ।। दीपरत्नसागर संशोधितः] [991 [४३-उत्तरज्झयणं]

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