Book Title: Agam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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[१५४६] अनंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहत्तं जह न्नयं ।
विजढंमि सए काए , पुढवी जीवाण अंतरं ।। [१५४७] एएसिं वण्णओ चेव , गंधओ रस-फासओ ।
संठाणदेसओ वावि , विहाणाइं सहस्सओ ।। [१५४८] दुविहा आउजीवा 3 , सुहमा बायरा तहा ।
पज्जत्तं अ पज्जत्ता, एवमेए दुहा पुणो ।। [१५४९] बायरा जे उ पज्जत्ता , पंचहा ते पकित्तिया ।
सुद्धोदए य उस्से य , हरतनू महिया हिमे ।। [१५५० एगविहमनाणत्ता, सुहमा तत्थ वियाहिया |
सुहुमा सव्वलोगं मि, लोगदेसे य बायरा ।। [१५५१] संतई पप्पणाइया , अपज्जवसिया वि य ।
ठिइं पडुच्च साइया , सपज्जवसिया वि य ।। [१५५२] सत्तेव सहस्साइं , वासाणुक्कोसिया भवे ।
आउठिई आऊणं , अंतोमुत्तं जह न्नियं ।। [१५५३] असंखकालमुक्कोस, अंतोमुहुत्तं जह न्नयं |
कायठिई आऊणं , तं कायं तु अमुंचओ || [१५५४] अनंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जह न्नयं ।
अज्झयणं-३६
विजढंमि सए का ए, आउजीवाण अंतरं ।। [१५५५] एएसिं वण्णओ चेव
गंधओ रस-फासओ । संठाणादेसओ वावि , विहाणाइं सहस्ससो ।। [१५५६] दुविहा वणस्सई जीवा , सुहमा बायरा तहा ।
पज्जत्तं अ पज्जत्ता, एवमेए दुहा पुणो ।। [१५५७] बायरा जे उ पज्जत्ता , दुविहा ते वियाहिया ।
साहारण सरीरा य , पत्तेगा य तहेव य ।। [१५५८] पत्तेग-सरीराउ नेगहा ते पकित्तिया ।
रुक्खा गुच्छा य गुम्मा य , लया वल्ली तणा तहा ।। [१५५९] वलया पव्वगा कुहणा , जलरुहा ओसही तहा ।
हरियकाया उ बोधव्वा , पत्तेगाइ वियाहिया ।। [१५६०] साहारण सरीराओ, नेगहा ते पकित्तिया ।
आलुए मूलए चेव , सिंगबेरे तहेव य ।। [१५६१] हिरिली सिरिली स स्सिरिली, जावई के य कंदली ।
__ पलंडु ल्हसुण कंदे य , कंदली य कुहुव्वए || [१५६२] लोहि णीहू य थीहू य, कुहगा य तहेव य ।
कण्हे य वज्जकंदे य , कंदे सूरणए तहा ।।
दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[४३-उत्तरज्झयणं]
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