Book Title: Agam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 103
________________ [१५८०] एएसिं वण्णओ चेव , गंधओ रस-फासओ । संठाणादेसओ वावि , विहाणाइं सहस्ससो ।। [१५८१] दुविहा वाउजीवा उ , सुहुमा बायरा तहा । पज्जत्तमपज्जत्ता, एवमेव दुहा पुणो ।। [१५८२] बायरा जे उ पज्जत्ता , पंचहा ते पकित्तिया । उक्कलिया मंडलिया , घनगुंजा सुद्धवाया य ।। [१५८३] संवट्टगवाए य , नेगहा एवमायओ | एगविहमनाणत्ता, सुहमा तत्थ वियाहिया ।। [१५८४] सुहमा सव्वलोगं मि, लोगदेसे य बायरा । इत्तो कालविभागं तु , तेसिं वच्छं चउव्विहं ।। [१५८५] संतइं पप्पणाइया , अपज्जवसिया वि य । ठिइं पडुच्चं साइया , सपज्जवसिया वि य ।। [१५८६] तिन्नेव सहस्साइं , वासाणुक्कोसिया भवे । आउठिई वाऊणं , अंतोमुहत्तं जह न्निया ।। [१५८७] असंखखालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहन्निया । कायठिई वाऊणं , तं कायं तु अमुचओ || [१५८८] अनंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । अज्झयणं-३६ विजढंमि सए काए , वाऊजीवाण अंतरं ।। [१५८९] एएसिं वण्णओ चेव गंधओ रस-फासओ । संठाणादेसओ वावि , विहाणाइं सहस्ससो ।। [१५९०] उराला य तसा जे उ , चउहा ते पकित्तिया । बेइंदिया-तेइंदिया, चउरो पंचिंदिया चेव ।। [१५९१] बेइंदिया उ जे जीवा , दुविहा ते पकित्तिया । पज्जत्तं अ पज्जत्ता, तेसिं भे ए सुणेह मे ।। [१५९२] किमिणो सोमंगला चेव , अलसा माइवाहया । वासीमुहा य सिप्पीया , संखा संखणगा तहा ।। [१५९३] पल्लोयाणुल्लया चेव , तहेव य वराडगा । जलूगा जालगा चेव , चंदना य तहेव य ।। [१५९४] इइ बेइंदिया एए नेगहा एवमायओ । लोगेगदेसे ते सव्वे , न सव्वत्थ वियाहिया ।। [१५९५] संतई पप्पणाइया , अपज्जवसिया वि य । ठिइं पडुच्च साइया , सपज्जवसिया वि य ।। [१५९६] वासाई बारसा चेव , उक्कोसेण वियाहिया । बेइंदिय आउठिई, अंतोमुहत्तं जहन्निया ।। दीपरत्नसागर संशोधितः] [102] [४३-उत्तरज्झयणं]

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