Book Title: Agam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 99
________________ [१५१२] संसारत्था य सिद्धा य , दुविहा जीवा वियाहिया । सिद्धा नेगविहा वुत्ता , तं मे कित्तयओ सुण ।। [१५१३] इत्थी पुरिस-सिद्धा य , तहेव य नपुंसगा | सलिंगे अ न्नलिंगे य , गिहिलिंगे तहेव य ।। [१५१४] उक्कोसोगाहणाए य , जहन्नमज्झिमाइ य । उड्ढे अहे य तिरियं च , समुद्घमि जलं मि य ।। [१५१५] दस य नपुंसएस, बीसं इत्थियास् य । पुरिसेसु य अट्ठसयं , समए ने गेण सिज्झइ ।। [१५१६] चत्तारि य गिहिलिंगे , अन्नलिंगे दसेव य । सलिंगेण अट्ठसयं , समए ने गेण सिज्झइ ।। [१५१७] उक्कोस्सोगाहणाए य , सिझंते जुगवं दुवे । चत्तारि जह न्नाए, जवमज्झेइत्तरं सयं ।। [१५१८] चउरुड्ढलोए य दुवे समुद्दे , तओ जले वीसमहे तहेव य । सयं च अदुत्तरं तिरिय लोए, समए नेगेण सिज्झइ धुवं । [१५१९] कहिं पडिहया सिद्धा ?, कहिं सिद्धा पइट्ठिया ?, | कहिं बोंदि चइत्ताणं ?, कत्थ गंतूण सिज्झइ ? ।। [१५२०] अलोए पडिहया सिद्धा , लोयग्गे य पइट्ठिया । अज्झयणं-३६ इ हं बोदिं चइत्ताणं , तत्थ गंतूण सिज्झइ ।। [१५२१] बारसहिं जोयणेहिं , सव्वद्वस्सुवरिं भवे । ईसिपब्भार-नामा उ , पुढवी छत्त-संठिया ।। [१५२२] पणयाल सयसहस्सा, जोयणाणं तु आयया । तावइयं चेव वित्थिण्णा , तिगुणो साहिय परिरओ ।। [१५२३] अट्ठजोयण-बाहल्ला, सा मज्झं मि वियाहिया । परिहायति चरिमंते , मच्छिपत्ताउ त नुयरी ।। [१५२४] अज्जुणसुवण्णगमई, सा पुढवी निम्मला सहावेणं । उत्ताणगच्छत्तयसंठिया य , भणिया जि नवरेहिं ।। [१५२५] संखं ककुंद संकासा, पंडुरा निम्मला सुहा । सीयाए जोयणे तत्तो , लोयंतो उ वियाहिओ ।। [१५२६] जोयणस्स उ जो तत्थ , कोसो उवरिमो भवे । तस्स कोसस्स छब्भाए , सिद्धाणोगाहणा भवे ।। [१५२७] तत्थ सिद्धा महाभागा , लोगग्गंमि पइद्विया । भवप्पपंचओ मुक्का , सिद्धिं वरगइं गया ।। [१५२८] उस्सेहो जस्स जो होइ , भवंमि चरिमं मि उ । तिभागहीना तत्तो य , सिद्धाणोगाहणा भवे || दीपरत्नसागर संशोधितः] [98] [४३-उत्तरज्झयणं]

Loading...

Page Navigation
1 ... 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112