Book Title: Agam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 50
________________ [७२७] एरिसे सं पयग्गंमि, सव्वकामसमप्पिए । कहं अणाहो भवइ ? मा ह भं ते! मुसं वए || [७२८] न तुम जाणे अ नाहस्स, अत्थं पोत्थं च पत्थिवा । जहा अ नाहो भवई , सनाहो वा नराहिव ! ।। [७२९] सुणेह मे महाराय ! अव्वक्खित्तेण चेयसा । जहा अ नाहो भवई , जहा मेयं पवत्तियं || [७३०] कोसंबी नाम नयरी , पुराण पुरभेयणी । तत्थ आसी पिया मज्झं पभूयधनसंचओ ।। [७३१] पढमे वए महारायं ! अउला मे अच्छिवेयणा । अहोत्था विउलो दाहो , सव्वगत्तेस् पत्थिवा || [७३२] सत्थं जहा परमतिक्खं , सरीरविवरंतरे । आवीलिज्ज अरी कुद्धो , एवं मे अच्छिवेयणा || [७३३] तियं मे अं तरिच्छं च , उत्तमंगं च पीडई । अज्झयणं-२० इंदासणिसमा घोरा , वेयणा परमदारुणा ।। [७३४] उवट्ठिया मे आयरिया , विज्जामंततिगिच्छगा । अबीया सत्थकुसला , मंतमूलविसारया ।। [७३५] ते मे तिगिच्छं कुव्वं ति, चाउप्पायं जहाहियं । न य दुक्खा विमोयं ति, एसा मज्झ अ नाहया ।। [७३६] पिया मे सव्वसारंपि , दिज्जाहि मम कारणा । य दुक्खा विमोएइ , एसा मज्झ अ नाहया ।। [७३७] माया वि मे महाराय ! पुत्तसोगदुहट्टिया । न य दुक्खा विमोएइ , एसा मज्झ अ नाहया ।। [७३८] भायरो मे महाराय ! सगा जेट्टक निहगा । न य दुक्खा विमोयं ति, एसा मज्झ अ नाहया ।। [७३९] भइणीओ मे महाराय ! सगा जेट्ठक निट्ठगा । न य दुक्खा विमोयं ति, एसा मज्झ अ नाहया ।। [७४०] भारिया मे महाराय ! अनुरत्ता अणुव्वया । अंसुपुण्णेहिं नय नेहिं, उरं में परिसिंचई ।। [७४१] अन्नं पा नं च ण्हाणं च , गंधमल्लविलेवणं । मए नायमनायं वा , सा बाला नोवभुजई ।। [७४२] खणं पि मे महाराय ! पासाओ मे न फिट्टई । न य दुक्खा विमोएइ , एसा मज्झ अ नाहया ।। [७४३] तओऽहं एवमाहंसु , दुक्खमाहु पुणो पुणो वेयणा अ नुभविउं जे , संसारंमि अ नंतए || दीपरत्नसागर संशोधितः] [49] [४३-उत्तरज्झयणं]

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