Book Title: Agam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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श्री वीतरागाय नमः।
श्री श्री श्री १००८ जैनधर्मदिवाकर जैनागमरत्नाकर श्रीमज्जैनाचार्य श्री पूज्य घासीलालजी महाराज चरणवन्दन स्वीकार हो।
अपरश्च समाचार यह है कि आपके भेजे हुए ९ शास्त्र मास्टर शोभालालजी के द्वारा प्राप्त हुए, एतदर्थ धन्यवाद ! आपश्रीजी ने तो ऐसा कार्य किया है जो कि हजारों वर्षों से किसी भी स्थानकवासी जैनाचार्यने नहीं किया।
आपने स्थानकवासी जैनसमाज के ऊपर जो उपकार किया है वह कदापि भूलाया नहीं जा सकता और नहीं भूलाया जा सकेगा।
हम तीनों मुनि भगवान महावीर से अथवा शासनदेव से प्रार्थना करते हैं कि आप की इस वज्रमयी लेखनी को उत्तरोत्तर शक्तिप्रदान करें ता कि आप जैनसमाज से ऊपर और भी उपकार करते रहें, और आप चिरञ्जीवी हो।
हम हैं आपके मुनि तीन मुनि सत्येन्द्रदेव, मुनि लखपतराय, मुनि पद्मसेन
શ્રી નન્દી સૂત્ર