Book Title: Agam 15 Pragnapana Sutra Hindi Anuwad
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 43
________________ आगम सूत्र १५, उपांगसूत्र-४, 'प्रज्ञापना' पद/उद्देश /सूत्र और (केवलज्ञानियों से) अनन्तगुणे हैं । सूत्र- २७३ भगवन् ! इन चक्षुदर्शनी यावत् केवलदर्शनी जीवों में से कौन यावत् विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े अवधिदर्शनी हैं, चक्षुदर्शनी जीव असंख्यातगुणे हैं, केवलदर्शनी अनन्तगुणे हैं, उनसे भी अचक्षुदर्शनी जीव अनन्तगुणे हैं सूत्र-२७४ भगवन् ! इन संयतों, असंयतों, संयतासंयतों और नोसंयत-नोअसंयत-नोसंयतासंयत जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प संयत जीव हैं, संयतासंयत असंख्यातगुणे हैं, नोसंयत-नोअसंयत-नोसंयतासंयत जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी असंयत जीव अनन्तगुणे हैं। सूत्र-२७५ भगवन् ! इन साकारोपयोग-युक्त और अनाकारोपयोग-युक्त जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प अनाकारो-पयोग वाले जीव हैं, उनसे साकारोपयोग वाले जीव संख्यातगुणे हैं। सूत्र - २७६ भगवन् ! इन आहारकों और अनाहारकजीवों में से ? गौतम ! सबसे कम अनाहारक जीव हैं, उनसे आहारक जीव असंख्यातगुणे हैं। सूत्र - २७७ भगवन् ! इन भाषक और अभाषक जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प भाषक जीव हैं, उनसे अनन्तगुणे अभाषक हैं। सूत्र - २७८ भगवन ! इन परीत, अपरीत और नोपरीत-नोअपरीत जीवों में ? गौतम ! सबसे थोडे परीत जीव हैं, नोपरीतनोअपरीत जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी अपरीत जीव अनन्तगुणे हैं। सूत्र - २७९ __ भगवन् ! इन पर्याप्तक, अपर्याप्तक और नोपर्याप्तक-नोअपर्याप्तक जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प नोपर्याप्तक-नोअपर्याप्तक जीव हैं, अपर्याप्तक जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं । सूत्र - २८० भगवन् ! सूक्ष्म, बादर और नोसूक्ष्म-नोबादर जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प नोसूक्ष्म-नोबादर जीव हैं, बादर जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी सूक्ष्म जीव असंख्यातगुणे हैं । सूत्र-२८१ भगवन् ! संज्ञी, असंज्ञी और नोसंज्ञी-नोअसंज्ञी जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प संज्ञी जीव हैं, नोसंज्ञीनोअसंज्ञी जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी असंज्ञीजीव अनन्तगुणे हैं। सूत्र-२८२ भगवन् ! इन भवसिद्धिक, अभवसिद्धिक और नोभवसिद्धिक-नोअभवसिद्धिक जीवों में ? गौतम ! सबसे थोड़े अभवसिद्धिक जीव, नोभवसिद्धिक-नोअभवसिद्धिक जीव अनन्तगुणे उनसे भी भवसिद्धिक जीव अनन्तगुणे हैं सूत्र - २८३ भगवन् ! धर्मास्तिकाय यावत् अद्धा-समय इन द्रव्यों में से, द्रव्य की अपेक्षा से कौन यावत् विशेषाधिक हैं? गौतम ! धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय और आकाशास्तिकाय, ये तीनों ही तुल्य हैं तथा द्रव्य की अपेक्षा से सबसे अल्प हैं; जीवास्तिकाय द्रव्य की अपेक्षा से अनन्तगुण हैं; पुद्गलास्तिकाय द्रव्य की अपेक्षा से अनन्तगुण है; इससे भी अद्धा-समय द्रव्य की अपेक्षा से अनन्तगुण हैं । हे भगवन् ! धर्मास्तिकाय, आदि द्रव्यों में से प्रदेश की अपेक्षा से? मुनि दीपरत्नसागर कृत् “ (प्रज्ञापना) आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद" Page 43

Loading...

Page Navigation
1 ... 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181