Book Title: Agam 15 Pragnapana Sutra Hindi Anuwad
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar
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आगम सूत्र १५, उपांगसूत्र-४, 'प्रज्ञापना'
पद/उद्देश /सूत्र विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े आयुष्कर्म के बन्धक जीव हैं, अपर्याप्तक संख्यातगुणे हैं, सुप्तजीव संख्यातगुणे हैं, समुद्घात वाले संख्यातगुणे हैं, सातावेदक संख्यातगुणे हैं, इन्द्रियोपयुक्त संख्यातगुणे हैं, नो-इन्द्रियो पयुक्त जीव विशेषाधिक हैं, असातावेदक विशेषाधिक हैं, समुद्घात न करते हुए जीव विशेषाधिक हैं, जागृत विशेषाधिक हैं, पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं, उनकी अपेक्षा भी आयुष्यकर्म के अबन्धक जीव विशेषाधिक हैं। सूत्र - २९५
क्षेत्र के अनुसार सबसे कम पुद्गल त्रैलोक्य में हैं, ऊर्ध्वलोक-तिर्यग्लोक में (उनसे) अनन्तगुणे हैं, अधोलोकतिर्यग्लोक में विशेषाधिक हैं, तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं, उनसे अधोलोक में विशेषाधिक हैं । दिशाओं के अनुसार सबसे कम पुद्गल ऊर्ध्वदिशा में हैं, अधोदिशा में विशेषाधिक हैं, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम दोनों में तुल्य और असंख्यातगुणे हैं, दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दोनों में तुल्य हैं और विशेषाधिक हैं, पूर्वदिशा में असंख्यातगुणे हैं, पश्चिमदिशा में विशेषाधिक हैं, दक्षिण में विशेषाधिक हैं, (और उनसे भी) उत्तर में विशेषाधिक हैं।
क्षेत्र के अनुसार सबसे कम द्रव्य त्रैलोक्य में हैं, ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में अनन्तगुणे हैं, अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे अधिक हैं, अधोलोक में अनन्तगुणे हैं, (और उनसे) तिर्यग्लोक में संख्यातगुणे हैं । दिशाओं के अनुसार, सबसे थोड़े द्रव्य अधोदिशा में हैं, ऊर्ध्वदिशा में अनन्तगुणे हैं, उत्तरपूर्व और दक्षिण-पश्चिम दोनों में तल्य और असंख्यातगणे हैं, दक्षिणपर्व और उत्तरपश्चिम, दोनों में तल्य हैं तथा विशेषाधिक हैं, पूर्व में असंख्यातगुणे हैं, पश्चिम में विशेषाधिक हैं, दक्षिण में विशेषाधिक हैं, (उनसे भी) उत्तर में विशेषाधिक हैं। सूत्र - २९६
भगवन् ! इन परमाणुपुद्गलों तथा संख्यातप्रदेशिक, असंख्यातप्रदेशिक और अनन्तप्रदेशिक स्कन्धों में ? गौतम ! द्रव्य की अपेक्षा से-१. सबसे थोड़े अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध हैं, २. परमाणुपुद्गल अनन्तगुणे हैं, ३. संख्यात प्रदेशिक स्कन्ध संख्यातगुणे हैं, ४. असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं । प्रदेशों की अपेक्षा से, १. सबसे कम अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध, २. परमाणुपुद्गल अनन्तगुणे हैं, ३. संख्यातप्रदेशी स्कन्ध संख्यातगुणे हैं, ४. असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं । द्रव्य एवं प्रदेशों की अपेक्षा से सबसे अल्प, द्रव्य की अपेक्षा से अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध हैं, वे ही प्रदेशों की अपेक्षा से अनन्तगुणे हैं, परमाणुपुद्गल, द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा से अनन्तगुणे हैं, संख्यातप्रदेशी स्कन्ध, द्रव्य की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, वे ही प्रदेशों की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध द्रव्य अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं, वे प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं।
भगवन ! इन एकप्रदेशावगाढ, संख्यातप्रदेशावगाढ और असंख्यातप्रदेशावगाढ पदगलों में प्रश्न-गौतम ! द्रव्य की अपेक्षा से-१. सबसे कम द्रव्य की अपेक्षा से एक प्रदेश में अवगाढ़ पुद्गल हैं, २. संख्यातप्रदेशों में अवगाढ़ पुद् गल, संख्यातगुणे हैं, ३. असंख्यातप्रदेशों में अवगाढ़ पुद्गल असंख्यात हैं । प्रदेशों की दृष्टि से १. सबसे कम, एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गल हैं, २. संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, संख्यातगुणे हैं, ३. असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल असंख्यातगुणे हैं । द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा से सबसे कम एकप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा से हैं, संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, वे ही प्रदेश की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं, वे ही, प्रदेश की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं।
भगवन् ! इन एक समय की स्थिति वाले, संख्यात समय की स्थिति वाले और असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गलों में प्रश्न-गौतम ! द्रव्य की अपेक्षा से १. सबसे अल्प एक समय की स्थिति वाले पुद्गल हैं, २. संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, संख्यातगुणे हैं, ३. असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, असंख्यातगुणे हैं । प्रदेशों की अपेक्षा से-१. सबसे कम, एक समय की स्थिति वाले पुद्गल हैं, २. संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, संख्यातगुणे हैं, ३. असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, असंख्यातगुणे हैं । द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा से सबसे कम पुद्गल, एक समय की स्थिति वाले, संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से
मुनि दीपरत्नसागर कृत् “ (प्रज्ञापना) आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद"
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