Book Title: Agam 11 Ang 11 Vipak Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ विपाकश्रुत: प्रथम संस्करण के प्रकाशन के अर्थ - सहयोगी श्रीमान् सेठ एस. बादलचन्दजी चोरड़िया, मद्रास [ जीवन-परिचय ] राजस्थान के मारवाड़ प्रदेश में नागौर जिले में एक छोटा सा गांव, नोखा चांदावतों का है। यह धनिकों की बस्ती है । यहीं आपका जन्म वि. संवत् १९७९ भाद्रपद कृष्णा ५ को धर्मनिष्ठ सुश्रावक स्व. श्री सिमरथमलजी सा. चोरड़िया के यहाँ हुआ। आपकी मातुश्री का नाम श्रीमती गटूबाई था। वे सरलता, दयालुता एवं निश्छलता की मूर्ति एवं धर्मपरायणा थीं। उनके सभी गुण आप में विद्यमान हैं। आपका प्रारंभिक शिक्षण राजस्थान में ही हुआ। उसके बाद आप व्यवसाय हेतु आगरा पधार गये । आपके अग्रज श्री एस. रतनचन्दजी सा. चोरड़िया सुज्ञ श्रावक हैं। आपके अनुज श्री एस. सायरचन्दजी सा. | एवं सबसे छोटे भाई स्व. श्री एस. रिखबचन्दजी सा. चोरड़िया का वर्तमान में व्यवसाय केन्द्र मद्रास ही है। आप सभी भाई यहाँ फाइनेन्स के व्यवसाय में संलग्न हैं। आपकी बड़ी बहन पतासीबाई भी भद्र प्रकृति की महिला हैं। आप सरलमना, गंभीर एवं धार्मिक प्रकृति के हैं। आपकी ही तरह आपकी धर्मपत्नी श्रीमती सुगनकंवरबाई भी धर्मभावना से अनुप्राणित हैं। अपने विवेकयुक्त पुरुषार्थ एवं प्रामाणिकता की बदौलत आपने फाइनेन्स के व्यवसाय में अच्छी सफलता प्राप्त की और खूब द्रव्योपार्जन किया, और उससे अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं तथा संस्थानों को सहायता प्रदान की हैं। आप वर्तमान में अनेक संस्थाओं से सम्बन्धित हैं उपाध्यक्ष संरक्षक - श्री वर्द्धमान सेवा समिति, नोखा (राजस्थान ) श्री जैन मेडिकल रिलीफ सोसायटी श्री एस. एस. जैन एज्युकेशनल सोसायटी श्री एस. एस. जैन जनसेवा समिति श्री अखिल भारतीय भ. महावीर अहिंसा प्रचार संघ सदस्य श्री दक्षिण भारत स्वाध्याय संघ, मद्रास श्री आगम प्रकाशन समिति के भी आप महास्तम्भ सदस्य हैं तथा प्रस्तुत आगम के प्रकाशन में आपने विशिष्ट सहयोग प्रदान किया है। - पारमार्थिक कार्यों के लिये आपने एस. बादलचन्द चोरड़िया ट्रस्ट भी बनाया है। सामाजिक, धार्मिक एवं | जनहित के कार्यों में भी आप यथाशक्ति अपने द्रव्य का सदुपयोग करते हैं। परम्परा से ही आपके परिवार की स्वामीजी श्री हजारीमलजी म.सा. के प्रति प्रगाढ श्रद्धाभक्ति रही है। आपकी पूज्य उपप्रवर्तक स्वामीजी ब्रजलालजी म.सा. एवं बहुश्रुत युवाचार्य पं. र. मुनि श्री मिश्रीमलजी म.सा. 'मधुकर' के प्रति अटूट श्रद्धा है। आपकी धर्मभावना दिनों दिन वृद्धिगत हो ऐसी मंगल कामना है।

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 214