Book Title: Agam 11 Ang 11 Vipak Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ प्रकाशकीय विपाकसूत्र का तृतीय संस्करण पाठकों के कर-कमलों में समर्पित करते हुए अतीव हर्ष हो रहा है कि श्रमण | संघ के युवाचार्य सर्वतोभद्र स्व. श्री मधुकरमुनिजी म.सा. की आगमभक्ति और सत्साहित्य प्रचार-प्रसार की भावना के फलस्वरूप जो आगमप्रकाशन का कार्य प्रारम्भ हुआ था, वह वटवृक्ष के सदृश दिनानुदिन व्यापक होता गया और समिति को अपने प्रकाशनों के तृतीय संस्करण प्रकाशित करने का निश्चय करना पड़ा। विपाकसूत्र यद्यपि कथा-प्रथान आगम है, किन्तु कथा के माध्यम से जैनधर्म के इस तथ्य को उजागर किया गया है * कर्मप्रधान विश्व रचि राखा । जो जस करहि सो तस फल चाखा ॥ इस प्रकार विपाकसूत्र का कर्म सिद्धान्त के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध होने से श्रमणसंघ के उपाचार्य श्रद्धेय देवेन्द्रमुनिजी म. सा. शास्त्री ने अपनी प्रस्तावना में कर्म सिद्धान्त का सारगर्भित विशद विवेचन प्रस्तुत कर स्वाध्यायशीलजिज्ञासु पाठकों को अध्ययन के लिए प्रेरित किया है। समिति को यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि आगम-बत्तीसी में समाविष्ट सभी आगमों का प्रकाशन सम्पन्न हो चुका है और अप्राप्य आगमों का पुनर्मुद्रण कार्य भी चल रहा है। अतएव हमें आशा है कि समिति सभी पाठकों को एक साथ आगम-बत्तीसी के सभी ग्रन्थ उपलब्ध करा देगी। जिन पाठकों के पास समस्त ग्रन्थ न हों, वे समिति से सम्पर्क बनाये रहें, जिससे उनको वे ग्रन्थ भेजने का ध्यान रहे। यह सम्पर्क समिति और पाठकों के मध्य कड़ी से कड़ी जुड़ने की युक्ति को सार्थक करेगा। अन्त में समिति अपने सभी सहयोगियों को सधन्यवाद आभार मानती है, उनके सहकार, प्रेरणा से जो प्रयास प्रारम्भ किया था वह निर्धारित नीति, प्रक्रिया के अनुसार सम्पन्न हो रहा है। सागरमल बैताला अध्यक्ष जी. सायरमल चोरड़िया महामंत्री श्री आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर ( राजस्थान ) रतनचंद मोदी कार्याध्यक्ष ज्ञानचंद विनायकिया मंत्री

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 214