Book Title: Aagam 45 Anuyogdwaar Haaribhadriyaa Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
आगम
(४५)
“अनुयोगद्वार'- चूलिकासूत्र-२ (मूलं+वृत्ति:)
.......... मूलं २०-२१] / गाथा [...] ...... मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र - [४५], चूलिकासूत्र -२] “अनुयोगद्वार' मूलं एवं हरिभद्रसूरिजी-रचिता वृत्ति::
प्रत सूत्रांक [२०-२१]
॥१८॥
गाथा
श्रीअनुमूलोत्तराख्याः प्राणात्तिपातादिविनिवृत्यादयः पिण्डविशुन्यादयश्च, योजनं योगः आसेवनमित्यर्थः श्रमणगुणेषु मुक्तो योगो यैस्ते तथा-11 कुप्रावचहारि.बृत्ती दा | विधाः, शेषाः अवयवाः यावत् घडत्ति अवयवावयविनोरभेदोपचारात् जपे फेनकादिना घृष्टे येषां ते घृष्टाः, तथा 'मट्ठा' तैलोदकादिना मृष्टाः
निक मतुप्लोपाद्वा मृथ्वंतो मृष्टाः 'तुप्पोट्ट 'त्ति तुप्रै स्निग्ध तुपा ओष्ठाः समदना वा येषां ते तुपौष्ठाः, शेष कण्ठय, यावदुभयका
लौकिकलमावश्यकस्वेत्येवावश्यकाय, छट्ठीविभतीइ भण्णइ चउत्पीति लक्षणात् , प्रविक्रमणायोपतिष्ठन्ते तदेतत् द्रव्यावश्यक,
द्रव्या
वश्यके भावशून्यत्वादभिप्रेतफलाभावाश, पत्थ उदाहरण- वसंतउरं नगरं, सत्थ गम्छो अगीयस्थसंविग्गो भविय विहरति, तत्थ | य एगो संविग्गो समणगुणमुकाजोगी, सो दिवसदेवसिय मुदउहादियाओ असणाओ पडिगाहेत्ता महत्ता संवेगण पतिकमणकाले आलेोपति, तस्म पुण सो गच्छाणी अगीयत्थसणओं पायच्छितं देतो भणति-अहो इमो धम्मसडिओ साह, सुहं पाडसवितुं दुक्खं आलोएवं, एवं नाम एसो आलोएति अगूईतो असढत्तओ सुद्धोत्ति, एवं च दद्वर्ण अण्णे अगीयत्वसमणा पसंसंति, पितेति य-गवरं आलोएयब्वंति, गवि किंचि पजिसेवितेति, तत्थ अण्णया कयादी गीयत्यो संविग्गो विहरमाणो आगो, सो दिवसदेवसिय अविहिं दर्ण उदाहरणं दापति-गिरिणगरे वाणियओ रत्तरयणाणं परं भरेऊण वरिसे २ संपलीपेड़, एवं च वर्ण सम्बलोगो अविवेगत्तनो पसंसति-अहो! इमो धणो जो भगवतं भगि तप्पेति, तत्थडण्णया पळीविय गिहं पाओ य पचलो आओ सव्वं नगरं बवं, ततो | सो पच्छा रण्णा पडिहओ, पिण्णायकओ, अण्णहिणगरे एवं चेव करेड, सो राणा सुतो जहा कोवि वाणिओ एवं करे इत्ति, सो तेण सवस्सहरणो कारण विसजिओ, अडवीए किं न पलीवेसि?, तो जहा तेण वाणिएण अवसेसावि बढा एवं तुमंपि एवं पसंसंतो एते साहणो |
दीप अनुक्रम [२१-२२]
KOCACK
~22~

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133