Book Title: Aagam 45 Anuyogdwaar Haaribhadriyaa Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 1
________________ [४५] श्री अनुयोगद्वार सूत्रम् नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नम: "अनुयोगद्वार” मूलं एवं वृत्ति: हरिभद्रसूरिजी रचिता वृत्तिः] [आय संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि) 28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५ jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र - [४५], चूलिकासूत्र -[२] "अनुयोगद्वार" मूलं एवं हरिभद्रसूरिजी-रचिता वृत्ति::

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