Book Title: Vijaydev Mahatmyam
Author(s): Jinvijay
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
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श्रीवल्लभोपाध्यायविरचितं
[नवमः श्रीश्रीवल्लभपाठकेन पठितं विद्वज्जनानां मतम्,
श्रोतृणां सुखदायकं भविविशामानन्दसम्पत्मदम् ॥३६६॥ इतिश्री श्रीवल्लभोपाध्यायविरचिते श्रीमत्तपागच्छाधिराजपातिसाहिश्रीअकबरप्रदत्तजगद्गुरुविरुधारकभ० श्रीहीरविजयसूरीश्वर० पातसाहिश्रीजिहांगीरप्रदत्तमहातपाविरुदधारिभ० श्रीविजयदेवसूरीश्वरगुणवर्णनप्रबन्धे श्रीमद्विजयदेवमाहात्म्यनानि महाकाव्ये श्रीविजयदेवसूरिप्रदत्त श्रीविजयसिंहसूरिभट्टारकपदप्रदानवर्णानो नाम ९ सर्गः ॥

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