Book Title: Tirthankar Charitra Part 3
Author(s): Ratanlal Doshi
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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(१०)
पृष्ठ
फल
२४६
क्रमांक विषय
पृष्ठ क्रमांक विषय १३० विद्युतेन्द्र द्वारा भविष्य-कथन २०० | १५० श्रेणिक का नन्दा से लग्न २३९ १३१ शक्रेन्द्र ने कार्तिक स्वामी से वन्दन.... १५१ श्रेणिक को राज्य-प्राप्ति
२४० करवाया
"
२०० १५२ तेरा बाप कौन है-अभयकुमार से प्रश्न २४० १३२ जीर्ण सेठ की भावना ६८ २०९ १५३ वेणातट से राजगृह की ओर २४२ १३३ जीर्ण और नवीन सेठ में बढ़ कर
१५४ अभयकुमार की बुद्धि का परिचय २४२. भाग्यशाली कौन ?
२०२ १५५ पितृ-मिलन और महामन्त्री पद २४३ १३४ पूरन की दानामा साधना और उसका १५६ महाराजा चेटक की सात पुत्रियां २४४
२०२ १५७ चेटक ने श्रेणिक की माँग ठकराई २४५ १३५ चमरेन्द्र का शकेन्द्र पर आक्रमण
१५८ अभय की बुद्धिमता से श्रेणिक सफल और पलायन
२०४ हुआ १३६ चमरेन्द्र की पश्चात्ताप पूर्ण प्रार्थना २०६ १५९ सुज्येष्ठा रही चिल्लना गई., ...२४७. १३७ भगवान् का महान् विकट अभिग्रह २०७ १६० सुलसा श्राविका की कथा २४८. १३८ चन्दनबाला चरित्र xx राजकुमारी १६१ चिल्लना को पति का मांस खाने का से दासी , २१० दोहद
. २५० १३९ भगवान् का अभिग्रह पूर्ण हुआ २१४ १६२ चिल्लना का दोहद पूर्ण हुआ २५१ ::१४० ग्वाले ने कानों में कीलें ठोकी। २१७ १६३ रानी ने पुत्र जन्मते ही फिकवा दिया २५२ १४१ भगवान् को केवलज्ञान-केवलदर्शन १६४ मेघकुमार का जन्म .. २५४ की प्राप्ति)-14 . '
२२१ | १६५ मेघकुमार की दीक्षा और उद्वेग २५५ १४२. धर्म-देशना २२२ १६६ मेघमुनि का पूर्वभव
२५६ १४३ इन्द्रभूति आदि गणधरों की दीक्षा २२९ १६७ महाराजा श्रेणिक को बोध प्राप्ति २५८ १४४(चंदनबाला की दीक्षा और तीर्थस्थापना २३४ | १६८ नन्दीसेन कुमार और सेचनक हाथी २६२ १४.५ श्रेणिक चरित्र
२३५ | १६९ नन्दीसेनजी की दीक्षा और पतन २६४ १४६ श्रेणिक कणिक का पूर्वभव xx
१७० नन्दीसेनजी पुनः प्रवजित हुए .. २६६ - तपस्वी से वैर
२३५ | १७१ श्रेणिक को रानी के शील में सन्देह " १४७ पुत्र-परीक्षा २३७ १७२ भगवान् ने भ्रम मिटाया
२६७ १४८ राजगृह नगर का निर्माण
२३८ | १७३ चिल्लना के लिये देव निर्मित्त भवन २६९ १४६ श्रेणिक का विदेश गमन २३६ | १७४ मातंग ने फल चुराये
२७०
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