Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath
View full book text
________________ - / भाषाटीकासहित. निज तीयन तासुकी कीर्ति सुनावै / तेही दर्शन हित हेत तहां नित्य प्रति चलि आवै // सकल तीर्थ इच्छा करें यह डारै मम उदर पग। धन्य नारि वह पतिव्रता शुद्ध होत तेहि मगन मग // 7 // धन्य तात वै मातु धन्य जाको तिय व्याही / धन्य श्वसुर अरुसासु धन्यकुल विमल सराहीं।। धन्य नगर गृह गांव धन्य जो वसत परोसी। धन्य टहलुई तासु सदा निजकर जिन पोसी // इते धन्य सब जगतमें तासु पापनहीं यमसुने / पतिव्रताके वचन ध्रुव-धर्म अमितमनमें गुने // 8 // नर वर जप तप करहिं नियम व्रत संध्या साधहि / यत्नयोग विज्ञान मोहि माया तेहि वाधहिं // जबहिं नारि हरिभक्ति ताहिं को धारण ...... . P.P.AC.Gunratnasuri M.S... Jun Gun Aaradhak, Trust

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 236