Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 11
________________ भाषाटीकासहित. कटि अति छीनपर नागर प्रवीनपर योवन नवीनपर मो मन विकागयो॥३॥ दोहा. प्रेमसहित बन्दन करौं, श्री राधा वरश्याम। लिखिहौं भाग द्वितीय यह, जनहित अति अभिराम // 4 // // अथ ग्रन्थारम्भः // इस स्त्रीचरित्र नामक ग्रन्थ के द्वितीयभागका पूर्व खण्ड कुछ पतिव्रता स्त्रियोंके सच्चरित्रोंसे सुशोभित किया गया हैं. और उत्तरखण्ड कुछ वीर महारानियोंके सच्चरित्रोंसे सुशोभित किया गया है. इस प्रकार यह द्वितीय भाग पूर्ण किया है. तहां प्रथम स्त्रियोंकी शिक्षाके विषय में कुछ लेख लिखा जाता है // कवित्त--सवैया.. - जीव विना जस देह मलिन के नीर T AITRITES P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Gun Aaradhak Trust

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