Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath
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________________ -स्त्रीचरित्र. विना सरि सूखत बैसे ।ज्ञान विहीन यती क्षितिमें हरिभक्त विना नररूप अनैसे। चन्द मलीन पियूष विना ब्रह्मज्ञान विना कुल ब्राह्मण कैसे। नारि विरंजि विचारि कहै प्रिय भक्ति विना तिय सोह न तैसे॥५॥ तीरथ नेमकरै सब भांति उजागरि संतन साधु प्रवीनी। लक्षणरूप सराहो कहां मुख पूर्ण चन्द्रकला जनु कीनी / लोक कि रीति लखै सब भाँति भली. कुल उत्तम बैस नवीनी। नारि विरंजि विचारि कहे पिय भक्तिविना सब भाँति मलीनी॥६॥ अथपतिव्रतामाहात्म्य-छप्पय. 1. पति पद रति जेहिं होय ताहि यम देखत कम्पै / सुरपति रहै सकात तेज. रवि शशि द्युति कंपै // हरि हरि विधि in Gun-Aaradhak.Trust. . P.P.:Ac. Gunratnasuri M.S.

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