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मन्दिरका जीर्णोद्धार, २३ फुट ऊंची १००८ श्री चन्द्रप्रभु भगवान को नवीन प्रतिमा तथा संगमरमर की नवीन वेदी की प्राप्ति एवं वेदो प्रतिष्ठा आपके ही सद्प्रयत्नों का फल है। इसीप्रकार अनेक स्थानों पर कलशारोहण महा महोत्सव हुए, जैन पाठशालाएं खोली गई, सो दि जैन सभा कोडागाह का नवीनीकरण भी प्रारकी ही सप्रेरणा का फल है । श्री श्र० सूरज बाई मु० ड्योढ़ी जि. जयपुर को क्षुल्लिका दीक्षा, श्री अ. मनफूल बाई मातेश्वरी श्री गुलाबचन्दजी कपूरचन्दजी सर्राफ टोडारायसिंह को अष्टम प्रतिमा एवं श्री कजोड़ीमलजी कामदार ( जोबनेर ) आदि को द्वितीय प्रतिमा के प्रत आपके कर कमलों से प्रदान किये गये।
संयमदान
दि. ३-४-८१
कजोड़ीमल कामदार (जोबनेर वाले)